दोस्तों, मैं गुरूजी का सबसे पहले धन्यवाद करता हूँ कि उन्होंने मेरी कहानी "आशा भाभी" प्रकाशित की।
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और हर कहानी को बड़े ध्यान से पढ़ता हूँ।
मेरी इस कहानी को पढ़ने वाली सभी चूतों और लौड़ों को मेरा बार बार सलाम !
दोस्तो ! इस कहानी को पढ़कर चूतें और लण्ड पानी छोड़ देंगे, यह मेरा आपसे वादा है और आपका भी मन चुदाई के लिए बेकरार हो जाएगा।
दोस्तों मेरा नाम सुनील है, उमर २८ और लम्बाई ६ फ़ुट है । हमारा परिवार एक संयुक्त परिवार है। मैं आज आपको अपने जीवन की एक सच्ची घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ। इसके बाद से तो मेरी जिन्दगी ही एक सेक्सी फ़िल्म जैसी हो गई। हमारे परिवार के सदस्य किसी की शादी में गए हुए थे और हमारे घर में कोई नहीं था। इस लिये मैं शाम को घर वापिस आ गया और पड़ोस वाली चाची के घर चला गया। मेरे चाचा फ़ौज में थे और कुछ दिन पहले ही छुट्टी बिताकर वापिस गए थे इसलिये मेरी चाची घर पे अकेली रहती थी। घर में वैसे तो उनके सास ससुर भी थे पर वो बात कहाँ थी कि जो उनके सुख दुःख बाँट सकें।
मेरी चाची की उमर २६ साल और लम्बाई ५'८" है और उनकी फ़ीगर ३६-३२-३६ की है उनकी शादी को सात साल बीत चुके थे. पर उन्हें औलाद का सुख नसीब नहीं हुआ था। आज भी वो बड़ी सेक्सी नज़र आती हैं। जब पहले भी कभी मैं और चाची घर में अकेले होते थे तो मैंने कई बार झुक कर काम करते समय उनकी गोरी-गोरी छाती देखी थी। उनके वो बड़े बड़े स्तन हमेशा ही मेरी आंखों के सामने घूमते रहते थे। मेरी माँ ने चाची को कह रखा था कि रात को हमारे घर पर सो जाना।
शाम को मैं चाची के घर चला गया। जब चाची घर का काम कर रही थी, उन्होंने काले रंग का सूट और सफेद सलवार पहना हुआ था। गरमी का मौसम होने के कारण उनके कपड़े पतले थे और उसमें से उनके अंदरूनी कपड़े ब्रा और चड्डी साफ़ नज़र आ रहे थे। मैं उस वक्त टीवी देख रहा था लेकिन मेरा पूरा ध्यान चाची की गांड और बड़े बड़े स्तनों पर था। रात को खाना खाकर मैं अपने घर आ गया। चाची ने कहा कि वो काम निपटा कर थोडी देर में आ रही है। मुझे देर तक टीवी देखने की आदत है इसलिये मैं करीब रात ९:३० तक टीवी देखता रहा।
तभी चाची आ गई। उसके बाद मैंने घर के सभी दरवाजे चेक करके बंद कर दिए। मैंने चाची का बिस्तर भी अपने कमरे में लगा दिया था। थोड़ी देर तक हमने टीवी देखा, फिर चाची मुझसे कहने लगी कि उसे नींद आ रही है और वो सो रही है।
मैंने कहा- ठीक है, तुम सो जाओ।
उसके बाद मैं करीब एक घंटा और टीवी देखता रहा। सोने से पहले जब मैं पेशाब करने के लिये जाने लगा तो मैंने देखा कि चाची अभी तक जाग रही है। मैंने पेशाब करके वापिस आ कर चाची से पूछा- क्या बात है, आपको नींद क्यों नहीं आ रही?
तो चाची ने बताया के उसके पेट में बड़ा दर्द हो रहा है। तो मैंने उनसे पूछा कि क्या मैं उनकी कोई मदद कर सकता हूं तो उन्होंने कहा- प्लीज़ ! सरसों के तेल से मेरे पेट की थोड़ी मालिश कर दोगे?
तो मैंने कहा- ठीक है।
मैं सरसों का तेल लेकर आ गया। उन्होंने अपने पेट पर से कमीज ऊपर कर दिया, मैंने उनके पेट की मालिश करनी शुरु कर दी। मैं करीब ३० मिनट तक उनकी मालिश करता रहा। उसके बाद उनके पेट का दर्द कुछ ठीक हो गया पर अभी भी थोड़ा सा तेल बच गया था तो उन्होंने कहा कि इसे उनकी पीठ पर लगा दो।
चाची की पीठ से उनका कमीज ठीक से ऊपर नहीं हो रहा था तो चाची बोली- चलो मैं कमीज ही उतार देती हूं।
चाची कमीज उतार कर लेट गई और मैं उनकी लातों पर बैठ कर उनकी पीठ की मालिश करने लग गया। ऐसा करते समय मैंने कई बार अपना हाथ उनके स्तनों पे लगाया पर वो कुछ न बोली। फिर मालिश करने के बाद अपने बिस्तर में चला गया।
अभी मुझे लेटे हुए थोड़ा वक्त ही हुआ था कि चाची मेरी चारपाई के पास आ गई और मेरे ऊपर बैठ गई। मुझे पता नहीं चल रहा था कि मैं क्या करूं।
मैंने चाची से पूछा- आप यह क्या कर रही हो?
तो वो बोली- आज तूने मेरे स्तनों को हाथ लगा कर कई सालों से मेरे अंदर की सोई हुई औरत को जगा दिया है और अब इसकी गरमी को ठंडा भी तुम्हें ही करना पड़ेगा।
वो चाची जिसके साथ नंगा सोने के मैं सिर्फ़ सपने ही देखता था वो आज मेरे ऊपर बिना कमीज के बैठी हुई थी। मेरा सपना सच होने जा रहा था इस लिये मैं बहुत खुश था।
फिर मैंने और चाची ने अपना काम शुरु कर दिया। उसने अपने होंठ मेरे होंठों में डाल लिये और १० मिनट तक मुझे चूमती रही। पहले मैने अपनी जीभ चाची के मुंह में डाल दी और फिर उसने मेरे। फिर चाची ने अपनी सलवार उतार दी और अब उसने सिर्फ़ ब्रा और चड्डी ही पहनी हुई थी। फिर वो बिस्तर पर लेट गई और मैं उसके ऊपर।
फिर हम दोनों काफ़ी वक्त तक एक दूजे को चूमते रहे, कभी मैं उसकी छाती को चूमता, कभी उसके पेट को, तो कभी लातों को। फिर चाची ने अपनी ब्रा उतार दी और मैंने उनके बड़े बड़े बूब्स चूसने शुरु कर दिया। उसके चूचुक सख्त हो गए थे और चूची सख्त कठोर होती जा रही थी। मैं उन्हें मस्त होकर चूसे जा रहा था।
फिर चाची ने अपनी चड्डी भी उतार दी और मेरे साथ लेट गई। चाची की चूत बहुत बड़ी थी। मैंने उसको चाटना शुरु कर दिया। फिर ५-६ मिनट में चाची पहली बार झड़ गई। उसके बाद चाची ने मेरा बड़ा सा लंड अपने मुंह में डाल लिया और चूसने लग गई मैंने भी उनके मुंह में ही पिचकारी मार दी।
फिर चाची ने कहा- चलो अब असली काम करते हैं !
चाची टांगों को थोड़ा खोल कर सीधी लेट गई। मैंने ऊपर से अपना लंड चाची की चूत में डाल दिया, वो बहुत खुश थी क्योंकि आज बहुत वक्त बाद उसकी चूत में लंड घुसा था। मैंने लंड को आगे पीछे करना शुरु कर दिया। चाची ने भी आआअ ईए ऊऊह माआ हाआ हाअ की आवाज़ें निकालनी शुरु कर दी। मैं करीब तीस मिनट तक चाची की चूत चोदता रहा, इसमें चाची दो बार झड़ चुकी थी।
फिर मैंने चाची को कहा- मैं अब तुम्हें घोड़ी की तरह चोदना चाहता हूँ।
चाची घोड़ी बन गई, मैंने लंड को पीछे से उसकी चूत में घुसेड़ दिया। चाची की चूत पीछे से बड़ी तंग महसूस हो रही थी। उन्हें दर्द हुआ और वो चिल्ला दी- आऐईईईइईईईए माआआआआअ !
मैंने जोर जोर से लंड आगे पीछे करने शुरु कर दिया और १५ मिनट तक चाची को चोदता रहा। मैंने चाची जैसी गरम औरत की कभी नहीं ली थी। फिर मेरा छूट गया और मैं चाची को चूमने लग गया। थोड़ी देर में ही लंड फिर से सलामी देने लगा। फिर चाची ने बोला कि मैं एक बार फिर उनकी चूत मारूं !
इस बार वो मेरे ऊपर बैठ गई और अपने आप हिल हिल कर धक्के देने लगी। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। फिर मैंने उस सारी रात चाची की चार बार चूत मारी। चाची ने मुझसे सुबह कहा कि अब उनकी तमन्ना जरूर पूरी हो जायेगी।
इसके बाद जब भी हमें मौका मिलता, हम यह खेल खेलते रहे। कुछ महीने बाद चाची ने एक दिन मुझे बताया- मैं माँ बनने वाली हूँ और यह सब तुम्हारी ही बदौलत है कि मुझे माँ बनने का सुख मिला है पर मुझे डर है कि तुम कहीं ये सब किसी को कह न दो।
मैंने चाची को विश्वास दिलाया कि ऐसा कभी नहीं होगा और यह बात हमारे बीच ही रहेगी।
उस दिन से आज तक पता नहीं मैं कितनी ही ऐसे चाचियों और भाभियों को ये सुख दे चुका हूँ।
तो दोस्तों मुझे मेल करना न भूलें, आपके मेल का इंतजार रहेगा।
आपका
अजनबी दहिया
ajnabi2380@gmail.com
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