इस कहानी का पहला भाग राज की कहानी
दोस्तो, मेरी पहली कहानी में मैंने अपनी अपनी चाची अनीता के साथ हुए हसीं लम्हों को सुनाया था ! इस कहानी मैं में आगे की बातें करने जा रहा हूँ।
अनीता चाची के साथ चुदाई समारोह अब रोज चलता था। मैं और चाची हमेशा साथ में खाना खाते थे। हम सबके सामने काफी गप्पें मारते थे। शायद मेरी छोटी चाची हेमा को कुछ शक हो गया था .. .
एक दिन डिनर के बाद मेरी दोनों चाचियाँ गप्पे हांक रही थीं ..
मैं पीछे छुप कर उनकी बात सुन रहा था।
हेमा: दीदी, मैं कुछ पूछूँ आपसे ?
अनीता: हाँ हेमा। पूछ ना !
हेमा: आजकल राज हमेशा आपके साथ ही रहता है, आपके कमरे में ही पढ़ता है और आप दोनों हमेशा इतने खुश रहते हैं, इसके पीछे कोई खास बात तो नहीं है?
अनीता: अरे नहीं हेमा ! वो राज को गणित में प्रोब्लम है और मुझे गणित आता है तो मैं उसे पढ़ा देती हूँ इसलिए वो मेरे कमरे में ही पढ़ता है और हम दोनों खुश रहते हैं तो इसमे बुरा क्या है?
हेमा: दीदी तब आप लोग लंच के बाद रोज दरवाजा क्यूँ बंद के पढ़ते हो?
अनीता: अरे हेमा वो तो ऐसे ही कि कोई तंग न करे !
हेमा: दीदी आप तो ऐसे जवाब दे रही हो जैसे कि मैं बच्ची हूँ, मुझे कुछ पता ही नहीं है।
अनीता: तू ऐसा क्यूँ बोले रही है ?
हेमा: मैंने एक दिन दरवाज़े पे कान लगा के आपकी पढ़ाई की कहानी सुनी थी ! मुझे सब पता है वहां कैसी गणित की पढ़ाई होती है !
अनीता:(मुस्कुराते हुए) अच्छा तो तुझे सब पता है ! तो ऐसा बोलो ना ! देखो सोनम दीदी को बोलना मत ! पर क्या करूँ, राज ने पता नहीं कैसे मुझे पटा लिया यह सब करने के लिए ! फिर मुझे अच्छा लगने लगा तो मैंने भी शर्म छोड़ दी। अब रात में पति जी से और दिन में राज से चुदवाती हूँ। बूर को अजब सी शान्ति मिलती है, राज का जवान लंड मेरी सारी प्यास बुझा देता है। तेरा रमेश तुझे अच्छे से चोदता है ना?
हेमा: अरे कहाँ दीदी ! आजकल वो काफी थके हुए आते हैं, कुछ भी नहीं करते, मैं तो भूल ही गई कि पिछली बार मैंने कब चुदवाया था ! इसलिए तो !
अनीता: अच्छा तो यह बात है ! तो तू चाहती है कि राज तुझे भी चोदे?
हेमा: चाहने से क्या होगा दीदी ! आप इतनी सेक्सी हो, आपको छोड़ के मुझे क्यूँ चोदेगा वो?
अनीता: (हँसते हुए) अरे तू तो काफी प्यासी लगती है .. अच्छा यह बता ! तेरे स्तन से दूध अभी भी आता होगा ना ?
हेमा: हाँ दीदी, दूध तो निकलता है और अब सोनू भी नहीं पीता .. सो भरा हुआ है ..
अनीता: तब तो राज तुझे जरूर चोदेगा .. उसे दूध पीने की बहुत इच्छा है .. राज, वो मुझसे बोलता है ! रुक जा मैं उसे कल हिंट दे दूँगी !
हेमा: दीदी पर कोई परेशानी तो नहीं हो जाएगी ना?
अनीता: अरे नहीं, कुछ नहीं होगा .. जा अब तू ! रमेश आएगा .. उससे अच्छे से प्यार कर .. उसे शक नहीं होने देना कि तेरा कहीं और का मन भी है .. .
फिर वो दोनों अपने-अपने कमरे में चली गई।
आज तो जैसे मैंने दुनिया की सबसे हसीं मूवी देखी थी .. दोनों चाचियाँ मेरे बारे में जो बात कर रही थी .. उससे मेरा लंड तो सलामी देने को तैयार था ..
दूसरे दिन जब मैंने हेमा चाची को देखा तो चाची मुझे दुनिया की सबसे हसीन औरत लगी .. मैंने उन्हें देख के हल्की सी मुस्कान दी .. चाची भी बड़े अंदाज़ से हँसी ..
लंच के बाद जब मैं अनीता चाची के पास गया तो .. आज चाची बेड पे लेटी हुई थी .. जैसे बीमार हो ..
मैं: चाची आपकी तबियत ठीक नहीं है क्या?
चाची: नहीं रे .. पता नहीं आज कुछ अच्छा नहीं लग रहा .. आज तुझे चोदने नहीं मिलेगा .. .
मैं: कोई बात नहीं चाची .. आप अच्छी हो जाओ पहले ..
अनीता: तुझे पता है .. हेमा चाची क्या समझती है .. कि मेरे से गणित पढ़ने आता है मेरे कमरे में .. तो आज वो बोल रही थी कि दीदी आपकी तबियत ठीक नहीं है .. यदि उसे कोई प्रॉब्लम है तो भेज देना मेरा पास .. मैं बता दूंगी .. अब तू चला जा हेमा के पास, नहीं तो उसे शक हो जाएगा ..
चाची को क्या पता था कि मुझे सब पता है .. उनके बीच क्या चल रहा है ..
मैं: चाची पर वहां जाकर मैं क्या करूँगा ..
चाची: अरे कुछ पूछ लेना गणित में.. और एक बात बोलूं ! तू जो रोज बोलता है चाची दूध नहीं है आपकी चूची में .. . हेमा की चूची भरी हुई है दूध से .. जा देख शायद तुझे पीने को मिल जाए ..
मैं: चाची आप तो मजाक कर रही हो .. हेमा चाची ऐसे थोड़े दे देगी अपना चूची निकाल के .. ठीक है, आप बोलती हो तो मैं जाता हूँ .. कुछ गणित से सम्बन्धित सवाल पूछ लूँगा ..
मन में तो मैंने सोच लिया था कि आज ही हेमा चाची की चूत का रस और चूची का दूध सब पी जाना है। मैं वहां से सीधा हेमा चाची के कमरे में गया ..
चाची ने जैसे ही दरवाजा खोला, मैं तो देखता ही रह गया .. चाची कुछ माल लग रही थी .. उन्होंने कोई नया सूट पहन रखा था ..
मैं: चाची क्या मैं अन्दर आ सकता हूँ .. आपसे कुछ गणित के सवाल पूछने हैं .. वो अनीता चाची बीमार है ना ..
चाची: हाँ राज, मुझे दीदी ने बोला था .. मैं तेरा ही इन्तज़ार कर रही थी, आ ना .. .
मैं: चाची आप इस ड्रेस में बहुत खूबसूरत लग रही हो ..
चाची: तुझे अच्छा लगा ये ड्रेस? आज पहली बार पहनी है ..
मैं: हाँ चाची, आप ऐसे ही ड्रेस पहना करो .. आप पर बहुत अच्छी लगती हैं ..
चाची: चल आ बैठ ..! और बोल ! क्या चल रहा है तेरी जिन्दगी में? तू तो बस अनीता दीदी से ही बातें करता है .. मैं तेरी अच्छी चाची थोड़े ही हूँ !
मैं: नहीं चाची ऐसी कोई बात नहीं है .. आप भी बहुत अच्छी हो ..
बात करते करते चाची ने अपना दुपट्टा सरका दिया .. चाची के उभार अब छुपाये नहीं छुप रहे थे .. मैं भी अपने आप को रोक न सका .. चाची की चूचियों को देखने लगा .. चाची: मुझसे नज़रें भी नहीं मिला रहे हो .. क्या देख रहे हो नीचे?
मैं: चाची कुछ नहीं, सच्ची में आप भी बहुत अच्छी हो ..
चाची: तू मुझसे नजरें क्यूँ नहीं मिलाता .. क्या देख रहा है नीचे?
मैं: कुछ नहीं चाची ..
चाची: कहीं तू मेरे सीने को तो नहीं देख रहा ? .. बदमाश !
मैं : चाची आपके वक्ष इतने अच्छे और बड़े हैं कि मेरी नज़र ही नहीं हट रही है वहां से ..
चाची: अपनी चाची की चूची को ऐसे थोड़े देखते हैं .. ये तेरे छोटी बहिन को दूध पिलाने के लिए है .. .
मैं: चाची, सोनू तो अब बड़ी हो गई है ! आप उसे अभी भी दूध पिलाती हो?
चाची: नहीं ! अब सोनू नहीं पीती दूध !
मैं: चाची, आपकी चूची में दूध है क्या?
चाची: हाँ अभी भी दूध है .. इसलिए तो इतने बड़े हैं !
मैं: चाची मुझे प्यास लगी है ..
चाची: जा वहां पानी रखा है, पी ले ..
मैं: चाची, पानी नहीं दूध पीना है .. आपकी चूची का दूध ..
चाची: बदमाश ! कोई अपनी चाची का दूध पीता है भला ?
मैं: चाची यदि माँ का पी सकते हैं तो चाची का क्यूँ नहीं?
चाची: अरे माँ का बचपन में पी रहा था .. चाची का अब ?
मैं: चाची, पीने दो न .. आपके दूध का क़र्ज़ जरूर चुकाऊंगा ..
चाची:: अच्छा ठीक है पी ले .. काफी दिन से भरी हुई हैं .. खाली करने वाला कोई है नहीं ..
फिर चाची ने अपना कमीज़ उतार दिया .. अब चाची ब्रा में आ गई ..
चाची: आ जा राज ! मेरी गोद में आ .. तुझे अपने बच्चे की तरह पिलाऊंगी ..
मैंने चाची की गोद में सिर रख लिया .. चाची ने अपनी ब्रा उतारी .. और अपनी चूची को ख़ुद मेरे मुँह में डाल दिया .. लो राज पी लो .. अच्छे से पीना ..
उसके बाद में दूध का प्यासा चाची की दूध को मेमने की तरह पीने लगा .. कभी बाएं चूची से तो कभी दायें से ..
साथ में चूची सहला भी रहा था।
चाची: तू तो ऐसे पी रहा है जैसे जन्मों से प्यासा हो !
मैं: चाची आज अपने मुझे वो खुशी दी है कि मैं सदा आपका आभारी रहूँगा .. आप जो बोलोगी वो सब करूँगा ..
चाची: जो बोलूंगी वो करेगा ?
मैं: हाँ चाची आप एक बार बोल के तो देखो ..
चाची: अच्छा ठीक है .. सुन मेरे नीचे में ना काफी खुजली हो रही है .. ज़रा मेरी खुजली मिटा दे ना?
मैं: नीचे कहाँ चाची?
चाची: तू सब जानता है फिर क्यूँ पूछ रहा है?
मैं: बोलो ना चाची ! आपके मुँह से सुनना चाहता हूँ।
चाची: अच्छा, चल मेरी चूत में खुजली हो रही है .. मिटा दे ना .. .
मैं: चाची कैसे मिटा दूं? ऊँगली से या चाट के? या फिर लंड ही डाल दूं?
चाची: मुझे तो तीनों की खुजली हो रही है .. .
मैं: क्यूँ चाची, चाचा आजकल खुजली नहीं मिटा रहे हैं क्या?
चाची: नहीं रे ! वो आजकल काफी रूखे से रहते हैं, मेरी चूत का तो ख्याल नहीं है उनको ..
मैं: चाची, आपका बेटा आपकी चूत का ख्याल रखेगा .. .
चाची: अपनी अनीता चाची से भी ज्यादा ख्याल रखेगा ना .. . दीदी तो तेरे लंड की बहुत तारीफ करती हैं ..
मैं: आप लोग ये सब बातें भी करती हो ? मेरी चाचियाँ कितनी अच्छी हैं !
चाची: तुझे कौन ज्यादा अच्छी लगती हैं?
मैं: चाची अभी आपने अपना पूरा जलवा दिखाया कहाँ है?
चाची: अच्छा तो ये बात है, तो जितना जलवा देख चुके हो उसमे कौन ज्यादा अच्छा लगा?
मैं: चाची इसमें तो पूछने की कोई बात ही नहीं है .. अनीता चाची की चूची में अमृत तो है ही नहीं ! दूध तो आप ही पिला सकती हो .. तब इसमें आप ही न हुई रानी .. चाची अब आप आपने कुछ और जलवे भी दिखाओ ना !
चाची: हाँ बेटे तेरी चाची आज ऐसे जलवे दिखायेगी कि तू पागल हो जायेगा ..
और फिर चाची ने आपने कपड़े खोलने शुरु किये .. चाची जब पैंटी और ब्रा में आ गई तो मैं उनकी मदद करने लगा ..
मैं: चाची, लाओ अब मैं खोल दूं ! आप क्यूँ कर रही हो?
चाची: हाँ बेटा ! आओ अपनी चाची को नंगी कर दो ..
फिर चाची मेरे पास आ गई .. मैं चाची की ब्रा को खोल के प्यार से सूंघने लगा .. . चाची की मादक मुस्कराहट ने और भी मज़ा भर दिया .. फिर चाची की पैंटी को एक ही झटके में खोल दिया .. .पैंटी की मादक सुगंध मुझे दीवाना कर रही थी।
चाची: क्यूँ रे काफी मज़े ले रहे हो .. . कैसी लगी तुम्हे मेरी पैंटी की खुशबू .. .
मैं: चाची मैं तो अपने होश मैं ही नहीं हूँ ..
चाची: अरे कपड़े से तेरा ये हाल है तो फिर जब सही में मेरी चूत सूंघेगा तो तेरा क्या होगा .. .
फिर चाची अपने हाथ मेरी पैंट के उपर से लंड को सहलाने लगी .. . मेरी हालत भी ख़राब हो रही थी .. . मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं मैं झड़ ना जाऊँ. चाची ने देखते ही देखते मुझे पूरा नंगा कर दिया .. .अब कमरे में दो नंगे एक दूसरे से खेलने लगे .. चाची मेरे लंड से ऐसे खेल रही थी कि कोई बच्चा अपने सबसे मनपसंद खिलौने के साथ खेलता है ..
चाची: बेटा तेरा लंड तो तेरे चाचा जी से काफी बड़ा है रे .. तेरी पत्नी काफी खुश रहेगी ..
मैं: चाची मेरे लंड से ऐसे खेलोगी तो ये जल्दी ही ढीला हो जायेगा .. .
चाची: क्या करूँ बेटा ऐसे लंड मेरे हाथ में पहली बार आया है .. .
मैं: चाची आपको पता है बड़ी चाची तो इसे आइसक्रीम से भी अच्छा प्यार करती हैं .. .
चाची: वाह रे बदमाश ! अपनी चाची को लंड मुँह में लेने बोल रहा है .. .ये गरम आइसक्रीम सच में है तो मुँह में लेने के लिए ही ..
मैं: चाची तो ले लो ना इसे ..
फिर चाची प्यार से मेरे लंड को चूसने लगी .. . इतना तो पता चल ही गया था कि चाची को लंड चूसने में बहुत मज़ा आता है .. अनीता चाची ने इतने प्यार से कभी नहीं चूसा था .. फिर जब चाची मेरे लंड से खेल रही थी .. मैं चाची की चूची को मज़े देने लगा .. . इतनी मुलायम चूचियां को सहलाना, निचे लंड का चाची से चुसवाना .. सच्ची काफ़ी बढ़िया कॉम्बिनेशन है ..
मैं: चाची लंड चूसवाने में इतना मज़ा आज तक नहीं आया .. चाची मेरा मुँह भी रसपान के लिए तड़प रहा है, चाची उल्टा-पुल्टा करें .. .
चाची: उल्टा पुल्टा ये क्या होता है रे?
मैं: क्या चाची आप मुझसे पूछोगी तो कैसे चलेगा .. .अच्छा चलिए मैं बताता हूँ- उल्टा पुल्टा मतलब आप मेरे ऊपर रह कर मेरा लण्ड चूसना और मैं नीचे से आपकी चूत का रसपान करूँगा !
चाची: अच्छा तो तू ६९ पोज़िशन की बात कर रहा है .. अच्छा नाम है उल्टा पुल्टा .. चल इसमें तो और भी मज़ा आएगा ..
फिर हम ६९ में एक दूसरे से मज़े लेने लगे .. चाची की चूत का स्वाद आते ही मन चंगा तो आया था .. चाची की चूत काफी गीली हो गई थी .. . इसलिए चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था .. मैं चाची को बहुत मन से चाट रहा था .. . चाची भी काफी उत्तेजित हो गई थी .. चाची ने अचानक इतना पानी निकाला कि मेरा मुँह उनके रस से भर गया था। .. ऐसा मज़ा हेमा चाची ने दिया कि बस मैं तो उनका दीवाना हो गया था ..
मैं: चाची आपके रस कितने स्वादिस्ट हैं .. चाची अब मेरा रस भी निकाल दो .. चाची अब मेरी लंड आपकी चूत के लिए और नहीं तड़प सकता ..
चाची : आ न बेटा, तूने तो आज अपनी चाची की एक दम रंडी बना दिया .. अब ऐसा चोद कि बस मैं पानी पानी हो जाऊँ ..
फिर चाची बिस्तर पे लेट गई .. अपनी चूत एकदम फाड़ के मुझे अपने तरफ बुलाने लगी .. चूत तो जैसे कि लंड के लिए बनी हो .. मैंने भी अपना लंड हाथ में लेकर चाची की चूत पर लगा दिया .. .
चाची: दे धक्का मेरे लाल .. . चोद अपनी चाची को .. चोद बेटा ..
मैं: ले चाची .. ये गया मेरा लंड आपकी चूत में .. चुद अपने बेटे से मेरी प्यारी चाची ..
फिर चाची गाण्ड उठा उठा कर मेरा लंड लेने लगी .. मैं भी चाची को जी जान लगा के चोदने लगा .. . फिर चाची ने कुतिया बन के मुझे कुत्ता बना दिया .. उस पोजिशन में बहुत मज़ा आया .. फिर चाची मेरे ऊपर सवार हो गई .. इसमें तो मेरा लंड सबसे ज्यादा अंदर तक जा रहा था .. करीब ३० मिनट के बाद मैं चाची की चूत में ही झड़ गया .. चाची ने बड़े प्यार से फिर मेरे लंड को साफ़ किया .. मुझे बेतहाशा किस कर रही थी .. चाची बहुत खुश थी .. मैं भी चाची की खुशी से खुश था ..
चाची: बेटा, चाची को चोदने में कैसा लगा .. अनीता चाची को चोदने में ज्यादा मज़ा आया था क्या?
मैं : नहीं चाची आप कुछ माल हो .. आपको चोदने में बहुत मज़ा आया .. मैं अब आप हो ही चोदूंगा ..
चाची: अरे नहीं बेटा ! दोनों चाचियों को चोदना .. अनीता दीदी भी बहुत अच्छी है उन्होंने ही तो मुझे तेरा लंड दिलाया
..तू उन्हें कभी नाराज़ न करना ..
फिर मैं दोनों चाचियों के साथ मस्ती कर करने लगा .. दोनों प्यार से मुझसे चुदती है ..
यदि आपको ये भी कहानी अच्छी लगी तो मेल करना .. क्यूँकि अभी सबसे ज्यादा मजेदार कहानी आनी बाकी है ..
raj.hotie11@gmail.com
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