ये वैभव और उसके दोस्त की बीवी की चुदाई की सच्ची कहानी है। वैभव जब बैंक में काम करता था। उसका वह एक दोस्त बन गया मिस्टर आर (वास्तविक नाम नहीं) और वो भी पक्का। अब वो एक साथ खाते और एक साथ पीते थे। कुछ दिनों के बाद वैभव अपने दोस्त के घर पर गया। मिस्टर आर ने उसकी मुलाकात अपनी बीवी से करवाई।
फ़िर उसका हर सन्डे को उनके यह आना जाना हो गया। वैभव ने उसकी बीवी को बहुत बार गुमसुम देखा जैसे वो अपने पति से खुश नहीं है। उसने एक दिन जान बूझ कर ओफ़िस से छुट्टी ले ली। और मिस्टर आर के घर पर दिन में अकेले गया। उसकी बीवी उनको अकेला देख चौंक गयी। वैभव ने कहा अंदर तो बुलाओ भाभी जी। वो अंदर गया और चाय पानी पिया। फ़िर कुछ देर बाद वैभव ने बात शुरू की और कहा भाभी आप के चहरे पर वो मुस्कान नहीं दिखाई देती। उसने कहा कुछ नहीं बस ऐसे ही। उसने कहा देखो मैं आपके दोस्त की तरह हूँ आप मुझे बताओ क्या मैं आपकी कुछ हेल्प कर सकता हूँ। उसने कहा ऐसी कोई बात नहीँ। फ़िर दुबारा उसने पूछा तब उसने कहा कि वो मुझे डांटते रहते हैं और ठीक से प्यार भी नहीं करते। मेरे दोस्त ने कहा मैं जानता था कि यही बात होगी।
उसने कहा भाभी अब आप साफ साफ बताओ कि क्या वो आपको वो ख़ुशी पूरी तरह नहीं दे पाते। फ़िर वो रोने लगी और कहा कि क्या बताऊं वो ठीक तरह से नहीं कर पाते। वैभव ने कहा कि आज कल ऐसी बहुत सी औरतें है जिनके साथ यह प्रॉब्लम है पर वो तो ऐसे नही रोंती। तो तुम ही बताओ कि मैं क्या करूं। वैभव ने कहा मैं आपको वो प्यार दे सकता हूँ। वो चौंक गई, वैभव ने कहा इसमें कोई बुराई नहीं है सभी ऐसे ही करती हैं। आप का कोई दोष नहीं। फ़िर उसने कहा आप बे फ़िक्र हो जाइये किसी को कानो कान खबर नहीं होगी। उसने कहा ऐसा पोसिबल है। वैभव ने कहा क्यों नहीं। दूसरे सप्ताह अमि आपके घर पर आऊँगा और आपको वो सब प्यार दूंगा बस आप तैयार रहना।
अगले सप्ताह ठीक उसी दिन वो घर पर ओफीस से छुट्टी ले कर आया। उसने हमें बताया कि मैंने नहाया और केवल पाजामा और टी शर्ट पहन कर उसके घर गया। अंदर अंडरवियर भी नहीं पहना था। उसकी बीवी ने गेट खोला और उसे अंदर बुला लिया। फ़िर धीरे धीरे दोनो में प्यार की बातें होने लगी। फ़िर वैभव ने उसकी चुम्मी ली। वो सहम गयी पर फ़िर उसने उसकी होंठो की दुबारा चुम्मी ली, उसने अपनी आँखे बंद कर ली। दोनो चुम्मा चाटी में मस्त हो गए। एक दो मिनट तक वो दोनो चुम्मा चाटी करते रहे। वैभव ने उसके चूचों को मसला और वो आहें भरने लगी। फ़िर कुछ देर बाद वैभव ने उसकी ब्रा उतारी और उसके चूचों को चूसने लग गया, दबाने लग गया। अब वो पूरी तरह से गरम हो चुकी थी।
अब उनसे उसका पेटीकोट और फ़िर चड्ढी उतार दी वो पूरी तरह से नंगी हो गयी थी। वैभव ने भी अपने सारे कपडे उतार दिये। फ़िर दोनो में कुछ देर तक चुम्मा चाट, चूचे दबाना और उन्गल बाजी करना होता रहा। अब दोनो का जोश उफान पर था और वो चूत की चुदाई के लिये तड़प रही थी। वो उसको पलंग पर ले गया और कोहीनूर डोट्ड नीरोध लगा कर उसकी छूत मे अपना लंड घुसेडा। वो आह ऊह करती रही, फ़िर क्या था दोनो में चूत की चुदाई का काम जोरों से चलने लगा।
वैभव ने उसकी पत्नी को पूरी तरह से चूत के चुदाई के मजे दिला दिये। पर बाद में वो रोने लगी। फ़िर वैभव ने उसे समझाया कि कुछ नहीं होगा और वह से चला गया। फ़िर तो महीने में उसके दो चक्कर होने लगे उसके घर के और वो खूब चूत की चुदाई के और भाभी की चूत के चुदाई के मजे लेने लग गया। ये काफी दिनों तक चला और फ़िर एक दिन वो उसका दोस्त अपनी बीवी के साथ दूसरी जगह चला गया।
फ़िर उसका हर सन्डे को उनके यह आना जाना हो गया। वैभव ने उसकी बीवी को बहुत बार गुमसुम देखा जैसे वो अपने पति से खुश नहीं है। उसने एक दिन जान बूझ कर ओफ़िस से छुट्टी ले ली। और मिस्टर आर के घर पर दिन में अकेले गया। उसकी बीवी उनको अकेला देख चौंक गयी। वैभव ने कहा अंदर तो बुलाओ भाभी जी। वो अंदर गया और चाय पानी पिया। फ़िर कुछ देर बाद वैभव ने बात शुरू की और कहा भाभी आप के चहरे पर वो मुस्कान नहीं दिखाई देती। उसने कहा कुछ नहीं बस ऐसे ही। उसने कहा देखो मैं आपके दोस्त की तरह हूँ आप मुझे बताओ क्या मैं आपकी कुछ हेल्प कर सकता हूँ। उसने कहा ऐसी कोई बात नहीँ। फ़िर दुबारा उसने पूछा तब उसने कहा कि वो मुझे डांटते रहते हैं और ठीक से प्यार भी नहीं करते। मेरे दोस्त ने कहा मैं जानता था कि यही बात होगी।
उसने कहा भाभी अब आप साफ साफ बताओ कि क्या वो आपको वो ख़ुशी पूरी तरह नहीं दे पाते। फ़िर वो रोने लगी और कहा कि क्या बताऊं वो ठीक तरह से नहीं कर पाते। वैभव ने कहा कि आज कल ऐसी बहुत सी औरतें है जिनके साथ यह प्रॉब्लम है पर वो तो ऐसे नही रोंती। तो तुम ही बताओ कि मैं क्या करूं। वैभव ने कहा मैं आपको वो प्यार दे सकता हूँ। वो चौंक गई, वैभव ने कहा इसमें कोई बुराई नहीं है सभी ऐसे ही करती हैं। आप का कोई दोष नहीं। फ़िर उसने कहा आप बे फ़िक्र हो जाइये किसी को कानो कान खबर नहीं होगी। उसने कहा ऐसा पोसिबल है। वैभव ने कहा क्यों नहीं। दूसरे सप्ताह अमि आपके घर पर आऊँगा और आपको वो सब प्यार दूंगा बस आप तैयार रहना।
अगले सप्ताह ठीक उसी दिन वो घर पर ओफीस से छुट्टी ले कर आया। उसने हमें बताया कि मैंने नहाया और केवल पाजामा और टी शर्ट पहन कर उसके घर गया। अंदर अंडरवियर भी नहीं पहना था। उसकी बीवी ने गेट खोला और उसे अंदर बुला लिया। फ़िर धीरे धीरे दोनो में प्यार की बातें होने लगी। फ़िर वैभव ने उसकी चुम्मी ली। वो सहम गयी पर फ़िर उसने उसकी होंठो की दुबारा चुम्मी ली, उसने अपनी आँखे बंद कर ली। दोनो चुम्मा चाटी में मस्त हो गए। एक दो मिनट तक वो दोनो चुम्मा चाटी करते रहे। वैभव ने उसके चूचों को मसला और वो आहें भरने लगी। फ़िर कुछ देर बाद वैभव ने उसकी ब्रा उतारी और उसके चूचों को चूसने लग गया, दबाने लग गया। अब वो पूरी तरह से गरम हो चुकी थी।
अब उनसे उसका पेटीकोट और फ़िर चड्ढी उतार दी वो पूरी तरह से नंगी हो गयी थी। वैभव ने भी अपने सारे कपडे उतार दिये। फ़िर दोनो में कुछ देर तक चुम्मा चाट, चूचे दबाना और उन्गल बाजी करना होता रहा। अब दोनो का जोश उफान पर था और वो चूत की चुदाई के लिये तड़प रही थी। वो उसको पलंग पर ले गया और कोहीनूर डोट्ड नीरोध लगा कर उसकी छूत मे अपना लंड घुसेडा। वो आह ऊह करती रही, फ़िर क्या था दोनो में चूत की चुदाई का काम जोरों से चलने लगा।
वैभव ने उसकी पत्नी को पूरी तरह से चूत के चुदाई के मजे दिला दिये। पर बाद में वो रोने लगी। फ़िर वैभव ने उसे समझाया कि कुछ नहीं होगा और वह से चला गया। फ़िर तो महीने में उसके दो चक्कर होने लगे उसके घर के और वो खूब चूत की चुदाई के और भाभी की चूत के चुदाई के मजे लेने लग गया। ये काफी दिनों तक चला और फ़िर एक दिन वो उसका दोस्त अपनी बीवी के साथ दूसरी जगह चला गया।
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