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बुआ संग रासलीला
प्रेषक : माही ठाकुर
मेरा नाम साहिल है, आज मैं हिम्मत करके आपको अपनी एक वास्तविकता बताने जा रहा हूँ।
मेरी उम्र 19 साल है कद 5 फुट 4 इंच, रंग साफ है, मेरे लंड की लम्बाई लगभग 7 इंच है, रंग काला है पर इसे गोरी चूत बहुत पसंद है।
आज मैं आपको अपनी और बुआ की चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ, बुआ का नाम अंजलि है, गोरी-चिट्टी। नाक-नक्श किसी हिरोइन की तरह उनके वक्ष ऐसे कि जी करता था अभी चूस लूँ और सारा दूध निचोड़ दूँ। उनका फिगर कुछ 36-30-34 होगा। जब वो चलती है तो लगता है कि स्वर्ग से अप्सरा आ गई हो। उनके नितंब यानि चूतड़ साड़ी में भी अलग ही दीखते हैं। अगर कोई उन्हें नंगी देख ले तो शर्तिया नामर्द की मर्दानगी फूट फूट कर बाहर आ जाएगी।
बालिग होने के बाद मैं हमेशा उन्हें चोदना चाहता था लेकिन वो मेरी बुआ थी तो शर्म आ जाती थी।
एक महीने पहले की बात है जब मुझे उस परी को चोदने का मौका मिला। हुआ यूँ कि गाँव में एक शादी थी, पूरे परिवार को जाना था लेकिन मेरे और बुआ के पेपर थे तो हम दोनों रुक गए और बाकी सब गाँव चले गए।
मुझे गन्दी फिल्म देखने का शौक है तो मैं उस दिन कसेट ले आया, वो कसेट मैंने देखी, मेरी अन्तर्वासना पूरे शवाब पर हो गई। अब जब मैं बुआ को देख रहा था तो मुझे उनकी चूत और गांड ही नजर आ रही थी। मैंने अपनी गांड का छेद देखा था, यह इतना छोटा होता है कि पेंसिल डालनी भी मुश्किल है पर उस फिल्म में एक आदमी अपना मोटा लंड लड़की की गांड में डालता है, लड़की बहुत चिल्लाती है पर आदमी नहीं रुकता। कसम से देख कर मजा आ गया था, पता नहीं क्यों पर मैं बुआ की चूत से ज्यादा गांड की तरफ आकर्षित था। रात को मैं और बुआ खाना खाकर एक ही कमरे में सो गए।
मैं तो बुआ को ही देख रहा था, और उनके चूतड़ों को जो मैक्सी में अलग ही दिख रहे थे। लगभग एक घंटे बाद बुआ उठी, मुझे देखा, मैंने आँखें बंद कर ली। उन्होंने कंप्यूटर चालू किया और एक कसेट डाली। जब कसेट चली तो मेरी आँख फट गई, यह एक ब्लू फिल्म थी। मैंने सोचा कि अभी उठा तो फ़ायदे में रहूँगा, मैं सीधा बैठ गया और बोला- बुआ, पानी पीना है।
और फिर बोला- यह क्या है बुआ? गन्दी फिल्म?
बुआ डर गई और बोली- सुन तू भी जवान है तो समझता है शरीर की जरूरतों को ! तूने तो कर भी लिया होगा पर मैं तो कुंवारी हूँ।
तो मैंने बुआ को अपने पास खींचा और हम लगभग चिपक गये। मैंने उनके कान में कहा- मैं आपकी जरुरत पूरी कर देता हूँ।
वो बोली- तू इतना बड़ा हो गया जो मेरी जरुरत पूरी करेगा?
तभी मैंने बुआ को पकड़ कर चूमना शुरु कर दिया, मैंने बुआ की गर्दन पर चूमा और फिर उन्हें गोद में उठा लिया। मैंने उन्हें बेड पर लिटा दिया और उन्हें चुम्बन करने लगा।
मैंने उनकी गर्दन चूमी और उनके लाल लाल होंठों पर आ गया। मैंने बुआ का नीचे का होंट अपने होंठों में ले लिया। अब मैं और बुआ दोनों होंठ चूस रहे थे।
तभी मैंने अपने एक हाथ से बुआ की मैक्सी खोल दी। अब बुआ मेरे सामने ऐसे थी जैसे मैं उन्हें अपने सपनों में देखा करता था। उनके स्तन मुझसे कह रहे थे कि हमें इस ब्रा से मुक्ति दो प्रभु !
मैंने बुआ की ब्रा उतार दी, मैं बोला- बुआ, यह तो तुमने जन्नत छुपा रखी है।
मैंने उन्हें चूमा और तभी मैंने बुआ का हाथ अपने लंड के ऊपर महसूस किया, मैं बोला- बुआ, रुको !
फिर मैंने अपना पजामा उतार दिया और उनके सामने अपने तने हुए लंड के साथ खड़ा हो गया।
बुआ डर गई, बोली- देख छोटू, मैं तुझसे बड़ी हूँ ना?
मैं बोला- हाँ !
बोली- फ़िर भी यह लंड मैं सह नहीं पाऊँगी तो जरा प्यार से करियो !
मैंने बुआ को चूमा और उनके मासूम चेहरे को सांत्वना दी कि उन्हें ज्यादा दर्द नहीं होगा। फिर मैंने उन्हें लिटा दिया। अब मैंने उनकी लाल पैन्टी उतार दी, उसमें से एक अजीब सी खुशबू आ रही थी। मैंने ऐसी चूत पहले कभी नही देखी थी, न फिल्म में, न हकीक़त में !
उनकी चूत बहुत गोरी थी, हल्के-हल्के बाल थे ! मैंने बुआ की टाँगे चौड़ी की और उनकी चूत पर अपना मुँह रख दिया। मैंने अपनी जीभ उनके दाने से जैसे ही भिड़ाई, बुआ चिल्ला पड़ी।
मैं बोला- क्या हुआ?
बोली- थोड़ा आराम से !
अब मैं समझ गया था कि बुआ आज रात बहुत रोने वाली हैं क्योंकि मैं उन्हें चोदूंगा ही और उनको दर्द होगा।
मैंने फिर अपना काम जारी रखा उनकी चूत चूसने का !
बुआ चिल्लाती रही- आह अहहः हा हाहा आ आह्ह्हाह्हाह अहह छोटू छोड़ दे ।
पर मैंने उन्हें पूरा चूसा और उनका पानी पी गया, वो मुझे अमृत सा लगा। अब बुआ की बारी थी, मैंने अपना लंड उन्हें दिया और कहा- लो चूसो !
वो शरमा गई।
मैं बोला- पूरी रात है, बुआ चुसना तो पड़ेगा ही !
तो बुआ ने चूसना शुरु किया। लंड की मोटाई के कारण उन्होंने थोड़ा ही चूसा पर मैंने उनका मुख मैथुन पूरा किया, साथ ही इसी बीच में कभी उनकी गोरी गांड में उंगली डाल देता, कभी चूत में !
अब जिम्मेवारी का काम था क्योंकि बुआ पहले कभी चुदी नहीं थी तो उनकी चूत बहुत तंग थी, सील बंद।
मैंने उन्हें कहा- थोड़ा दर्द होगा पर बहुत मजा आएगा।
वो डरी हुई थी, मैंने उनकी टाँगें चौड़ी की और उनके ऊपर हो गया ताकि वो दर्द से घबरा न जाएँ, अपना लंड उनकी चूत पर रखा और थोडा सा दबाब डाला तो लंड डेढ़ इंच अंदर गया होगा, वो चिल्लाई- अईई ईई माआअ माया छोड़ दे कमीने उठ मा अईई मर गई रे कुत्ते उठ !
पर मैं वहीं रुका रहा, चूत से खून खून निकल रहा था। यह कहानी आप मोबाइल पर पढ़ना चाहें तो एम डॉट अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर पढ़ सकते हैं।
कुछ देर बाद बुआ कुछ शांत हुई और बोली- बाकी कल प्लीज़ ! मर जाऊँगी मैं ! तेरा लंड है या खम्बा !
मैंने वहीं आगे पीछे होना शुरु किया, वो चिल्लाती रही अईई ईई ईई माँ तेरी माँ की चूत कुते छोड़ दे।
मैंने कुछ तेज धक्के लगाये और लंड चूत की गहराई में था, वो गन्दी गन्दी गाली दे रही थी- भोंसड़ी के कुत्ते छोड़ ! आ गई मा ईई ईईइ इ आह्ह अहहः अहाहा अहः आहा ह हमारी चुदाई लगभग आधा घंटा चली, अब वो कुछ शांत थी पर गाली दे रही थी और आह्हहहहाहा आःह्ह आह्ह आवाज़ कर रही थी। मैं उनके ऊपर ही लेट गया और बोला- बुआ मजा आया?
उन्होंने मुझे धक्का देकर अपने ऊपर से हटाया और गाली देकर उठने की कोशिश की लेकिन उठा नहीं गया, आखिर मैंने चोदा था, उठ कैसे जाती।
वो रोने लगी, उन्हें बहुत दर्द हो रहा था, मैंने उन्हें गले लगा लिया, मैंने उन्हें उठाया और बाथरूम में ले गया। वहाँ फव्वारा चला दिया। हम दोनों ने साथ में बीस मिनट स्नान किया फिर वो चूत की सफाई करने लगी। तभी मुझे उनकी गांड का गुलाबी छेद दिख गया, मेरा लंड फिर तैयार था लेकिन बुआ नही मानी।
पर कुछ दिन बाद मैंने उनकी गांड भी मारी, अगली बार बताऊँगा।
मुझे इमेल करें।
mahithakur111@yahoo.com
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