Friday 26 October 2012

जन्नत चाची - Zannat Chachi


जन्नत चाची
प्रेषक : राहुल वर्मा

मै और मेरे चाचा-चाची पास-पास रहते थे, मेरे चाचा की शादी को तीन साल हो चुके हैं। चाची के बड़े-बड़े स्तन देखकर मेरे मादरचोद लंड में पॉवर आ जाती थी, उनकी उम्र उस समय लगभग 26 साल थी लेकिन देखने में वो 21 साल की लगती थी।

मेरे चाचा को अक्सर ऑफिस टूर से हर 3-4 महीने बाद बाहर जाना पड़ता था, वो किराये के कमरे में रहते थे, वे चाची को अकेला नहीं छोड़ना चाहते थे इसलिए वे मुझे उनके घर पर रुकने को कहते थे। सच बताऊँ तो यह सुनकर तो मेरे मन में लड्डू फूटने लगते थे, यह मुझे नहीं पता था कि क्या चाची भी वही चाहती हैं जो मैं चाहता हूँ लेकिन मैंने ठान रखा था कि कुछ भी हो, चाची की जवानी का रस तो ज़रूर लेना है।

मैं रोज चाची के घर में सोता था मगर हिम्मत नहीं हो पा रही थी कि कुछ करूँ। और फिर चार दिन बाद चाचा जी वापस आ गए तो लगा यार अपनी किस्मत ही झंड है।

फिर चार महीने बाद चाचा का फिर से टूर लगा, अब सोचा कि कुछ भी हो, इस बार ज़रूर कुछ करना है।

रात को मैं और चाची एक ही कमरे में सो रहे थे कि मुझे जोर की मुताश लगी तो मैं मूतने के लिए उठा। मैंने लाईट जलाई तो जो मैंने देखा वह देखकर मै दंग रह गया !

चाची सिर्फ ब्रा और पेटीकोट में सो रही थी क्योंकि उनको गर्मी बहुत लगती थी। यह देखकर तो मेरा छः इंच लंड शेषनाग के जैसा फुफकारने लगा। लेकिन मै पहले टॉयलेट गया। फिर जब मैं वापस आया तब तक मेरी नीद उड़ चुकी थी और मेरे अन्दर वासना जागने लगी। मैं चुपचाप चाची की बगल में जाकर लेट गया, धीरे-धीरे उनके पीछे पूरे शरीर से चिपक गया और फिर मैंने धीरे से उनकी ब्रा के हुक खोल दिए, यह सब करते हुए मेरे पूरे शरीर में कंपकंपाहट हो रही थी लेकिन मैंने हिम्मत करते हुए उनके चूचियों पर धीरे से हाथ रखा और लगभग एक मिनट तक हाथ स्थिर रखे रहा ताकि उनको यह न लगे कि उनके साथ कुछ हो रहा है।

फिर मैंने अपने हाथ उनके पैरों की तरफ बढ़ाये और धीरे से उनके पेटीकोट को ऊपर किया तो मैंने देखा कि उन्होंने पैंटी नहीं पहनी थी। पहले तो मेरा लण्ड सिर्फ खड़ा था लेकिन अब तो मेरे लण्ड से पानी आ गया। मैं अपने मिशन को पूरा करने की फ़िराक में था, मैंने धीरे-धीरे उनकी जांघों के बीच में हाथ रखा और उनकी टांग को हल्का सा ऊपर उठाकर मैंने अपना लण्ड उनकी चूत में डाल दिया।

लेकिन चाची झटके से उठ गई और मेरे लण्ड को बाहर निकल दिया और कहने लगी- यह तुम क्या कर रहे हो? तुम्हारे चाचा को पता चलेगा तो वो तुम्हे छोड़ेंगे नहीं !

मैं यह सोचकर सकपका गया लेकिन मेरे दिमाग में अपना मिशन पूरा करने का भूत सवार था तो मैंने चाची से कहा- तुम्हें देखकर तो मुझमें मर्दानगी आई है !

और यह कह कर मैं अपने होंठों को उनके होंठों से मिलाकर जबरदस्त चुम्बन करने लगा और अपने हाथों से उनके मम्मे दबाने लगा जिससे चाची भी उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुँचने लगी। फिर वो भी मेरा साथ देने लगी।

मैं उन्हें लिटाकर उनकी चूत को चाटकर उंगली करने लगा तो चाची के मुंह से आह्ह्ह्ह..... आह्ह्ह की आवाज आने लगी जिसे सुनकर मैं बेकाबू हो गया और फिर मैंने अपने शेषनाग को बिल में प्रवेश कराया तो आवाज आई.... ओह हो हो... आहह्ह्ह

मैंने अपने मिशन को आगे बढ़ाया और जोर-जोर धक्का मारने लगा। तब चाची की आवाज आने लगी... ओह भगवान, ओह माय गाड...

फिर चाची बोली- आज तो लग रहा है राहुल, तू मेरी चूत फाड़ डालेगा ! सच में आज मुझे सेक्स का असली मज़ा मिल रहा है।

फिर सेक्स के बाद मैंने अपने लंड को चाची की चूत में डाले-डाले उनसे चिपक कर पूरी रात बिताई।

सच में उस दिन लगा कि जन्नत वाकई में धरती पर ही है।

फिर सुबह चाची मुझसे बोली- मुझे मॉर्निंग-विश नहीं करोगे?

तो मैंने उनको मोर्निंग-विश रात के अंदाज में किया तो चाची फिर से बहुत खुश हो गई।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे इस पते पर ईमेल करें lovegurucul@yahoo.in

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